ऐसी वाणी बोलिए , मन का आपा खोई/
औरन को सीतल करे, आपहुं सीतल होई //
बुरा जो देखन मई चला, बुरा न मिलिया कोई /
जो मन खोजा आपना, तो मुझसे बुरा न कोई //
रहिमन धागा प्रेम का मत तोरो चिट्के /
टूटे से फिर न जुरे, जुरे गाठ पर जाय //
- मोलन -
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