चाह नहीं मैं सुरबाला के गहनों में गूँथा जाऊँ
चाह नहीं, प्रेमी-माला में बिंध प्यारी को ललचाऊँ
चाह नहीं, सम्राटों के शव पर हे हरि, डाला जाऊँ
चाह नहीं, देवों के सिर पर चढ़ूँ भाग्य पर इठलाऊँ
मुझे तोड़ लेना वनमाली उस पथ पर देना तुम फेंक
मातृभूमि पर शीश चढ़ाने जिस पर जावें वीर अनेक ।। पुष्प की अभिलाषा - माखनलाल चतुर्वेदी
-मोलन-
Sunday, October 31, 2010
Friday, October 29, 2010
वन्दे मातरम
वन्दे मातरम दोस्तों,
......बहुत दिन बीते.......
थाली मैं दाल को आये हुए,
पत्नी को हरी सब्जी बनाये हुए,
खाने मै सलाद को खाए हुए,
......बहुत दिन बीते.......
रोटी का साथ देखो मक्खन ने छोड़ा,
दूध की खातिर बिटिया का दिल तोडा,
रोटी पे मक्खन लगाये हुए,
बिटिया को दूध पिलाये हुए,
साथ मैं बिस्कुट खिलाये हुए,
......बहुत दिन बीते.......
बच्चों को दिलाने गये जो कपड़े,
महगाई ने हाथ दोनों ही पकड़े,
प्रेरणा को फ्राक दिलाये हुए,
पारस को अचकन सिलाये हुए,
नंगे पैरों को जूते पहनाये हुए,
......बहुत दिन बीते.......
दोस्तों को हमसे शिकायत ये आम है,
मिलते नही प्यारे क्या इतना काम है,
दोस्तों को घर पर बुलाये हुए,
दोस्तों के घर खुद भी जाये हुए,
मिल जुल के पार्टी मनाये हुए,
......बहुत दिन बीते.......
त्योहारों की रंगत अब हो गई फीकी,
महगाई से हमने बात ये है सीखी,
ईद की सिवैयां खाए हुए,
दिवाली की मिठाई भिजवाये हुए,
किरिश्मश पे गिफ्ट दिलाये हुए,
.....बहुत दिन बीते.......
मैं जब तक नेताओं की बात नही कर लेता मेरे पेट का दर्द ठीक नही होता है ( ऐसा नही की सारे नेता ही खराब हैं मगर बहुतायत तो भ्रष्ट व अपराधिक टाइप के नेताओं का ही है ) सो उन भ्रष्ट नेताओं के लिए कुछ पंक्तियाँ..........
हम करते हैं जब भी दिखावा ही करते,
देश की हालत से फर्क हमको नही पड़ते,
गणतन्त्र दिल से मनाये हुए,
राष्ट्र गान वास्तव मैं गाये हुए,
सचमुच दिल से तिरंगा फहराए हुए,
......बहुत दिन बीते.......
प.सरमा संग मोलन
......बहुत दिन बीते.......
थाली मैं दाल को आये हुए,
पत्नी को हरी सब्जी बनाये हुए,
खाने मै सलाद को खाए हुए,
......बहुत दिन बीते.......
रोटी का साथ देखो मक्खन ने छोड़ा,
दूध की खातिर बिटिया का दिल तोडा,
रोटी पे मक्खन लगाये हुए,
बिटिया को दूध पिलाये हुए,
साथ मैं बिस्कुट खिलाये हुए,
......बहुत दिन बीते.......
बच्चों को दिलाने गये जो कपड़े,
महगाई ने हाथ दोनों ही पकड़े,
प्रेरणा को फ्राक दिलाये हुए,
पारस को अचकन सिलाये हुए,
नंगे पैरों को जूते पहनाये हुए,
......बहुत दिन बीते.......
दोस्तों को हमसे शिकायत ये आम है,
मिलते नही प्यारे क्या इतना काम है,
दोस्तों को घर पर बुलाये हुए,
दोस्तों के घर खुद भी जाये हुए,
मिल जुल के पार्टी मनाये हुए,
......बहुत दिन बीते.......
त्योहारों की रंगत अब हो गई फीकी,
महगाई से हमने बात ये है सीखी,
ईद की सिवैयां खाए हुए,
दिवाली की मिठाई भिजवाये हुए,
किरिश्मश पे गिफ्ट दिलाये हुए,
.....बहुत दिन बीते.......
मैं जब तक नेताओं की बात नही कर लेता मेरे पेट का दर्द ठीक नही होता है ( ऐसा नही की सारे नेता ही खराब हैं मगर बहुतायत तो भ्रष्ट व अपराधिक टाइप के नेताओं का ही है ) सो उन भ्रष्ट नेताओं के लिए कुछ पंक्तियाँ..........
हम करते हैं जब भी दिखावा ही करते,
देश की हालत से फर्क हमको नही पड़ते,
गणतन्त्र दिल से मनाये हुए,
राष्ट्र गान वास्तव मैं गाये हुए,
सचमुच दिल से तिरंगा फहराए हुए,
......बहुत दिन बीते.......
प.सरमा संग मोलन
Thursday, October 28, 2010
HINDI BHAASA, HAMARI MAATRI BHAASA
हिंदी हमारी मात्री भाषा हे /
सब देशवासियों को हिंदी भाषा आणि चाहिए /
हम लोगों को हिंदी भाषा का प्रचार पुरे देश में करना चाहिए /
क्षेत्रिये भाषा के साथ हिंदी भाषा आना भी बहुत अनिवार्य हे /
क्योंकि हिंदी हमारी मात्री भाषा हे /
मैं मानता हूँ की आज की तेज रफ़्तार वाली जिंदगी में अंग्रेजी भाषा बहूत महत्वपूर्ण हो गयी हे /
सही हे, सब लोग बहुत सारे भाषा सीखो, साथ में हिंदी तो आणि चाइये न------------------------------
क्योंकि हिंदी ही एक ऐसी भाषा हे जो पुरे देशवासियों को एक बंधन में जोर शक्ति हे /
नहीं तो एक दुसरे का चेहरा देखते रहो //
KINDLY DO THE NEEDFUL ?
जय हिंद - जय भारत - जय जवान - जय किशान
जय हिंदी & जय हिंदुस्तान
- वनदे मातरम्-
मोलन-बरहिया ( धनराज )
सब देशवासियों को हिंदी भाषा आणि चाहिए /
हम लोगों को हिंदी भाषा का प्रचार पुरे देश में करना चाहिए /
क्षेत्रिये भाषा के साथ हिंदी भाषा आना भी बहुत अनिवार्य हे /
क्योंकि हिंदी हमारी मात्री भाषा हे /
मैं मानता हूँ की आज की तेज रफ़्तार वाली जिंदगी में अंग्रेजी भाषा बहूत महत्वपूर्ण हो गयी हे /
सही हे, सब लोग बहुत सारे भाषा सीखो, साथ में हिंदी तो आणि चाइये न------------------------------
क्योंकि हिंदी ही एक ऐसी भाषा हे जो पुरे देशवासियों को एक बंधन में जोर शक्ति हे /
नहीं तो एक दुसरे का चेहरा देखते रहो //
KINDLY DO THE NEEDFUL ?
जय हिंद - जय भारत - जय जवान - जय किशान
जय हिंदी & जय हिंदुस्तान
- वनदे मातरम्-
मोलन-बरहिया ( धनराज )
Monday, October 25, 2010
kavir vani
ऐसी वाणी बोलिए , मन का आपा खोई/
औरन को सीतल करे, आपहुं सीतल होई //
बुरा जो देखन मई चला, बुरा न मिलिया कोई /
जो मन खोजा आपना, तो मुझसे बुरा न कोई //
रहिमन धागा प्रेम का मत तोरो चिट्के /
टूटे से फिर न जुरे, जुरे गाठ पर जाय //
- मोलन -
औरन को सीतल करे, आपहुं सीतल होई //
बुरा जो देखन मई चला, बुरा न मिलिया कोई /
जो मन खोजा आपना, तो मुझसे बुरा न कोई //
रहिमन धागा प्रेम का मत तोरो चिट्के /
टूटे से फिर न जुरे, जुरे गाठ पर जाय //
- मोलन -
Saturday, October 23, 2010
kavita
एक ऐसा गीत गाना चाह्ता हूं, मैं..
खुशी हो या गम, बस मुस्कुराना चाह्ता हूं, मैं..
दोस्तॊं से दोस्ती तो हर कोई निभाता है..
दुश्मनों को भी अपना दोस्त बनाना चाहता हूं, मैं..
जो हम उडे ऊचाई पे अकेले, तो क्या नया किया..
साथ मे हर किसी के पंख फ़ैलाना चाह्ता हूं, मैं..
वोह सोचते हैं कि मैं अकेला हूं उन्के बिना..
तन्हाई साथ है मेरे, इतना बताना चाह्ता हूं..
ए खुदा, तमन्ना बस इतनी सी है.. कबूल करना..
मुस्कुराते हुए ही तेरे पास आना चाह्ता हूं, मैं..
बस खुशी हो हर पल, और मेहकें येह गुल्शन सारा "अभी"..
हर किसी के गम को, अपना बनाना चाह्ता हूं, मैं..
एक ऐसा गीत गाना चाह्ता हूं, मैं..
खुशी हो या गम, बस मुस्कुराना चाह्ता हूं, मैं
खुशी हो या गम, बस मुस्कुराना चाह्ता हूं, मैं..
दोस्तॊं से दोस्ती तो हर कोई निभाता है..
दुश्मनों को भी अपना दोस्त बनाना चाहता हूं, मैं..
जो हम उडे ऊचाई पे अकेले, तो क्या नया किया..
साथ मे हर किसी के पंख फ़ैलाना चाह्ता हूं, मैं..
वोह सोचते हैं कि मैं अकेला हूं उन्के बिना..
तन्हाई साथ है मेरे, इतना बताना चाह्ता हूं..
ए खुदा, तमन्ना बस इतनी सी है.. कबूल करना..
मुस्कुराते हुए ही तेरे पास आना चाह्ता हूं, मैं..
बस खुशी हो हर पल, और मेहकें येह गुल्शन सारा "अभी"..
हर किसी के गम को, अपना बनाना चाह्ता हूं, मैं..
एक ऐसा गीत गाना चाह्ता हूं, मैं..
खुशी हो या गम, बस मुस्कुराना चाह्ता हूं, मैं
Tuesday, October 19, 2010
Monday, October 18, 2010
geeta
भावना से ऊपर कर्म और धर्म हे
जीवन मिर्तुय को साथ लेकर आती हे
और
मिरतु अपना अंजाम देकर चली जाती हे
जीवन मिर्तुय को साथ लेकर आती हे
और
मिरतु अपना अंजाम देकर चली जाती हे
Friday, October 15, 2010
MAA DURGA POOJA 17-10-10
May this dussehra, light up for you.The hopes of happy times, And dreams for a year full of smile | - WISH YOU HAPPY DUSSEHRA -
( DEOBRAT KUMAR MOLAN)
( DEOBRAT KUMAR MOLAN)
Wednesday, October 13, 2010
sandesh
SAI ITNA DIZIYE JAANE KUTUMBH SAMAYE
MAI BHI BHUKHA NA RAHUN SAADHU BHI BHUKHA NA JAI-------
साईं इतना दीजिए जाने कुटुम्भ सामआय I
मई भी भूखा न रहूँ साधू भी भूखा न जाई ई
- मोलन -
MAI BHI BHUKHA NA RAHUN SAADHU BHI BHUKHA NA JAI-------
साईं इतना दीजिए जाने कुटुम्भ सामआय I
मई भी भूखा न रहूँ साधू भी भूखा न जाई ई
- मोलन -
Saturday, October 9, 2010
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